मुंशी प्रेमचंद्र पर 10 वाक्य : 10 Lines on Munshi Premchand in Hindi 

मुंशी प्रेमचंद्र पर 10 वाक्य : 10 Lines on Munshi Premchand in Hindi – आज हम munshi premchand par 10 line nibandh लेकर आए हैं अगर आप मुंशी प्रेमचंद्र के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं हम यहां आपको मुंशी प्रेमचंद से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे यह जानकारी हमने कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों के लिए तैयार किया है ताकि उन्हें याद करने में आसानी हो इसलिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

मुंशी प्रेमचंद्र पर 10 वाक्य : 10 Lines on Munshi Premchand in Hindi

मुंशी प्रेमचंद भारतीय साहित्य के मशहूर लेखकों में से एक हैं। मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुआ। उनके माता-पिता की आर्थिक समस्याओं के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की, लेकिन फिर भी उन्होंने विद्या और साहित्य में रुचि दिखाई और खुद बहुत सारे हिंदी लेख और कहानियां लिखी।

प्रेमचंद ने अपने लेखन के माध्यम से समाज में विभिन्न मुद्दों को उठाया और उनकी रचनाएं सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और मानसिक मुद्दों पर चर्चा करती हैं। उनकी कहानियों में आम आदमी की जीवन सत्यता और संघर्ष उजागर होते हैं। मुंशी प्रेमचंद की प्रमुख रचनाएं ‘सेवा सदन’, ‘गोदान’, ‘नागरीक’ और ‘गबन’ आदि हैं। उनकी कहानियाँ जैसे ‘दूध का दाम’, ‘गबन’, ‘ईदगाह’ और ‘काफ़ान’ भारतीय साहित्य के मशहूर कहानिकारी मानी जाती हैं।

10 Lines on Munshi Premchand in Hindi

  1. मुंशी प्रेमचंद एक प्रसिद्ध लेखक थे।
  2. मुंशी प्रेमचंद जी का असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
  3. मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुआ।
  4. उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में से गोदान बहुत प्रसिद्ध हुई थी जिसने इतिहास बना डाला था।
  5. मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास बहुत वृहद होते हैं इसलिए उन्हें सम्राट कहा जाता है।
  6. मुंशी प्रेमचंद जी ने 14 उपन्यास और 250 से 300 तक कहानियां व निबंध लिखे हैं।
  7. मुंशी प्रेमचंद जी ने कई विदेशी रचनाओं को हिंदी भाषा में भी अनुवाद किया है।
  8. उनकी रूचि बचपन से ही किताबों में थी।
  9. मुंशी प्रेमचंद जी ने वाराणसी से सरस्वती नामक एक प्रेस चलाया था।
  10. “बड़े घर की बेटी” यह मुंशी प्रेमचंद की पहली कहानी थी जो 1910 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
10 lines on munshi premchand in hindi

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मुंशी प्रेमचंद्र पर 10 वाक्य

  1. मुंशी प्रेमचंद एक प्रसिद्ध लेखक व रचनाकार थे।
  2. इनका जन्म 1880 में 31 जुलाई को वाराणसी जिले में हुआ था।
  3. इनके पिता का नाम मुंशी अजयबराय था और मां का नाम आनंदी देवी था।
  4. मुंशी प्रेमचंद जी के पिता डाक विभाग में क्लर्क का काम करते थे।
  5. इनकी शादी 15 वर्ष के उम्र में ही हो गई थी जिनसे उनका बाद मे तलाक हो गया था, उन्होंने तलाक होने के बाद दूसरा विवाह एक विधवा औरत से किया था जिनका नाम शिवरानी देवी था।
  6. मुंशी प्रेमचंद जी को बचपन से ही किताबें पढ़ने का बहुत शौक था और वह कम उम्र से ही लिखना प्रारंभ कर दिए थे।
  7. उनकी प्रमुख रचना है गोदान, बड़े घर की बेटी, पूस की रात, पंच परमेश्वर आदि।
  8. जब वह 34 वर्ष के थे तब वह मुंबई आए थे हिंदी फिल्म में काम की तलाश में और पटकथा लेखक के तौर पर उनको नौकरी मिली।
  9. मुंशी प्रेमचंद उपन्यास कहानी निबंध के हिंदी व उर्दू भाषा के लेखक थे जिनसे उन्होंने लगभग 14 उपन्यास और 250 से 300 तक कहानियां और निबंध लिखे हैं।
  10. मुंशी प्रेमचंद्र जी की मृत्यु एक लंबी बीमारी के वजह से 8 अक्टूबर 1936 में हुई थी।

पूछे जाने वाले प्रश्न

मुंशी प्रेमचंद कौन थे?

मुंशी प्रेमचंद एक प्रसिद्ध लेखक थे जिन्होंने 14 उपन्यास और 250 से 300 तक कहानियां व निबंध की रचना की थी, उन्होंने कई विदेशी रचनाओं को हिंदी भाषा में भी अनुवाद किया था। उनके कुछ प्रसिद्ध रचना है गोदान, बड़े घर की बेटी, पूस की रात, पंच परमेश्वर।

प्रेमचंद्र का जीवन परिचय कैसे लिखें?

प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 मे  वाराणसी जिले में हुआ था उन्हें बचपन से ही किताबें पढ़ने में रुचि थी। उन्होंने अपने कम उम्र से ही लिखना शुरू कर दिया था, उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में 14 उपन्यास और लगभग 300 कहानियां व निबंध लिखे हैं उनकी पहली रचना “बड़े घर की बेटी” सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। 8 अक्टूबर 1936 में उनकी एक लंबी बीमारी के चलते मृत्यु हुई थी।

प्रेमचंद्र कौन सी भाषा दिखते थे?

प्रेमचंद हिंदी व उर्दू भाषा में लिखते थे।

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निष्कर्ष

दोस्तों हमने अभी जाना मुंशी प्रेमचंद्र पर 10 वाक्य (Few lines on Munshi Premchand in Hindi) यह जानकारी आपको काफी पसंद आई होगी आप हमें कमेंट कर बताएं कि आप अगला टॉपिक किस पर पढ़ना चाहते हैं और हमारे इस पोस्ट को अपने दोस्तों व सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करें ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके ऐसे ही few lines short essay पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर पुनः विजिट जरूर करें।

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