खो-खो एक भारतीय मैदानी खेल है जिसे खुले मैदान में चौकोर क्षेत्र में खेला जाता है। इस खेल में मैदान के दोनो ओर दो खम्भो के अतिरिक्त किसी अन्य साधन की जरूरत नहीं पड़ती है। खो-खो खेल युवाओं में जोश भरने वाला खेल है जिससे शरीर स्वस्थय और तंदुरुस्त रहता है। यह खेल पीछा करने वाले और प्रतिरक्षक, दोनों में अत्यधिक तंदुरुस्ती, कौशल, गति और ऊर्जा की माँग करता है। खो खो खेल को किसी भी तरह की सतह पर खेला जा सकता है।
आज हम आपको खो खो पर 10 वाक्य निबंध हिंदी में उपलब्ध करा रहे है जिसके तहत आपको 10 Lines on Kho Kho in Hindi और कंही खोजने की जरुरत न पड़े।
10 Lines on Kho Kho in Hindi
- खो खो एक बहुत पुराना भारतीय खेल है।
- खो खो खेल को बहुत से भारतीयों का पसंदीदा खेल माना जाता है, जो कि भारत के हर क्षेत्र में खेला जाता है।
- खो खो एक बहुत ही रोचक खेल है जो कि देखने में बहुत मज़ेदार तथा उत्साहित करने वाला खेल माना जाता है।
- खो-खो जो कि दो टीमों के बीच में खेला जाता है, जो कि एक पारंपरिक खेल के रूप में सालों से चला आ रहा है।
- खो खो में अगर दौड़ने वाले विपक्ष टीम के खिलाड़ियों को अगर टच कर लिया जाता है, तो वे खेल से बाहर हो जाते हैं।
- खेल के शुरू में एक टीम बैठती है और उन्हें एक निश्चित समय के अंदर जो भागती है उस टीम के लोगों को टच करना होता है और वे इस प्रकार गेम से बाहर होते जाते हैं।
- खो खो एक ऐसा खेल है जिसमें बहुत तेजी से दौड़ने की जरूरत होती है, ताकि खिलाड़ी को आप समय पर टच कर सकें और उन्हें हरा सकें।
- इस खेल में दो टीम होती हैं, प्रत्येक टीम में खिलाड़ियों की संख्या 9 होती है और 3 खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं।
- खो खो के रूप में दूसरे देशों में भी इसी तरह के खेल खेले जाते हैं, जैसे – जैसे कि बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी खो खो खेल खेला जाता है।
- अधिकतर भारतीय स्कूलों और कॉलेजों में भी खो खो टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं और यह खेल भारतीय खेल अधिकारी द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है।
खो खो पर 10 वाक्य
- खो खो के खेल का मूल आविष्कार महाराष्ट्र के एक समुदाय द्वारा किया गया था।
- खो खो को भारतीय खेल संघ द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्रदान की गई है।
- खो खो का खेल 9 – 9 मिनट के पारी में खेला जाता है, और बीच में 5 मिनट का ब्रेक होता है।
- खो खो खेल को महिला, पुरुष दोनों ही खेल सकते हैं। इसको खेलने से शरीर फुर्तीला और स्वास्थ्य ठीक रहता है।
- खो खो खेल में सीटी बजते ही पीछा करने वाला खिलाड़ी विपक्षी खिलाड़ी को पकड़ने के लिए दौड़ता है।
- खो खो के खिलाड़ियों को अच्छी तरह से फिट रहना चाहिए, ताकि वे खेल के दौरान तेज दौड़ में भाग ले सकें।
- इस खेल में खिलाड़ियों को एक निश्चित समय सीमा के अंतर्गत खेलना होता है और उसके अंदर में ही वे गेम हारते या जीतते हैं।
- खो खो खेलने के दौरान एक टीम बैठती है तो दूसरी टीम दौड़ती है जिसे हम टच करके गेम से बाहर करने जी कोशिश करते हैं।
- खो खो खने के लिए केवल 29 मीटर लंबे और 16 मीटर चौड़े मैदान की जरुरत होती है। इससे आप आराम से यह प्रतियोगिता को संपन्न कर सकते हैं।
- खो खो में दोनो छोर पर 10,10 फुट छोड़कर 4 फुट दो ऊंचे खंभे गाड़ दिए जाते हैं। जिससे उनको मुड़ने, डाई मारने तथा जल्दी वहां से दौड़ने में वह खंबा मदद करता है।
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Frequently Asked Questions Answered
Q.1 खो खो का पुराना नाम क्या था?
उत्तर. ऐसा हमारे पूर्वजों या किताबों में लिखा है कि प्राचीन काल में इसे रथों पर खेला जाता था और इसे राथेरा कहा जाता था
Q.2 खो खो का क्या महत्व है?
उत्तर. खो खो खेलने से डिसीजन मेकिंग पॉवर बढ़ती है। इससे दिमाग का विकास होता है। इससे सोंचने समझने की शक्ति डेवलप होती है।
Q.3 खो खो की खोज किसने की?
उत्तर. ऐसा कहा जाता है कि खो खो की खोज भारत के महाराष्ट्र क्षेत्र में हुई थी।
चंद्रशेखर आजाद ने खो-खो टीम के लिए खो-खो खेल का निर्माण किया था जो राष्ट्र भारत का राष्ट्रीय खेलकॉन को होते हैं और चंद्रशेखर आजाद ने खो खो की खोज महाराष्ट्र में की थी मैं चंद्रशेखर आजाद के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं खो खो की टीम के लिए मैं भी आज खो खो की टीम के लिए तैयार कर रहा हूं खो खो की टीम खो खो की टीम तैयार करने में कुछ मेरे कुछ समय लगेगा फिर मैं भी एक देश से दूसरे देश में खो खो की टीम को लड़ाऊंगी और मैं भी चंद्रशेखर आजाद जैसा मैं भी नाम करूंगा इस भारत देश में चंद्रशेखर आजाद भी अभी तक भी जिंदा है सबको चंद्रशेखर आजाद के बारे में सबको एक बार और जगाऊंगा मैं धन्यवाद मेरा नाम भीखाराम चौधरी